DETAILED NOTES ON BAGLAMUKHI SHABAR MANTRA

Detailed Notes on baglamukhi shabar mantra

Detailed Notes on baglamukhi shabar mantra

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As opposed to conventional mantras in Sanskrit, Shabar Vashikaran Mantras are created in local languages and so are considered to operate determined by unique Seems and vibrations.

जिव्हां कीलय बुद्धिम विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा

oṃ hrīṃ bagalāmukhi! jagadvaśaṃkarī! māṃ bagale prasīda-prasīda mama sarva manorathāna pūraya-pūraya hrīṃ oṃ svāhā।

Baglamukhi or Bagala is a crucial deity Among the many 10 Mahavidyas worshipped with fantastic devotion in Hinduism. The last word benefit of worshipping Baglamukhi clears the illusions and confusions with the devotees and offers them a clear route to progress in life. Goddess Baglamukhi carries a cudgel in her arms to smash the difficulties faced by her devotees.

आन हरो मम संकट सारा, दुहाई कामरूप कामाख्या माई की।‘‘

शत्रोर्जिह्वां च खड्गं शर-धनु-सहितां व्यक्त-गर्वाधि-रूढां ।

ऋषि श्रीदुर्वासा द्वारा उपासिता श्रीबगला-मुखी

ऋषि श्रीअग्नि-वराह द्वारा उपासिता श्रीबगला- मुखी

पीताम्बर-धरां सौम्यां, पीत-भूषण-भूषिताम् । स्वर्ण-सिंहासनस्थां च, मूले कल्प-तरोरधः ॥

The devotee requirements to provide yellow-coloured flowers and offerings. Yogurt is one of the best factors to provide to Baglamukhi Devi

बालां सत्स्रेक-चञ्चलां मधु-मदां रक्तां जटा-जूटिनीम् ।। शत्रु-स्तम्भन-कारिणीं शशि-मुखीं पीताम्बरोद् भासिनीम् ।

अब उसके पैरों पर जल धीरे-धीरे डालते हुए मन में भावना करे मैं माँ के पैरों को अच्छे से साफ कर रहा हूँ फिर उसे तौलिए से पोछ कर, नई चप्पल पहनाए तथा पीला भोग अपने हाथ से खिलाए व उसे ध्यान से देखे कभी-कभी कन्या का पैर या चेहरा पीले रंग में दिखने लगता है। भोग लगाने के बाद click here उसे कुछ देर बैठा रहने दें व स्वयं मन ही मन प्रार्थना करें

गदाहत – विपक्षकां कलित – लोल-जिह्वाञ्चलां ।

यहाँ पर उल्लिखित शाबर मन्त्र के सम्बन्ध में अनुभवी साधकों का यह निष्कर्ष है कि यह परमशक्तिशाली मन्त्र है और इसका प्रयोग कभी निष्फल नहीं होता है। यह प्रबल बगलामुखी शत्रु विनाशक मंत्र है। इसका सिद्धि-विधान भी अत्यन्त ही सरल है। इसके लिए साधक को यह निर्देश है कि भगवती बगला की सम्यक् उपासना एवं उपचार के उपरान्त प्रतिदिन दो माला जप एक महीने तक करें। इतने अल्प समय और अल्प परिश्रम से ही यह मन्त्र अपना प्रभाव प्रकट करने लगता है।

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